गणेश चतुर्थी

‘ ॐ गणपतये नमः ‘

इस शुभ दिन पर जितना हो सके शांति से इस मंत्र का जाप करना चाहिए।

चंद्रदर्शन निषिद्ध 
इस वर्ष (2022)  30, 31 अगस्त  चन्द्र-दर्शन निषिद्ध है । |

जिस प्रकार अधिकांश वैदिक मंत्रों के आरम्भ में ‘ॐ’ लगाना आवश्यक माना गया है, वेदपाठ के आरम्भ में ‘हरि ॐ’ का उच्चारण अनिवार्य माना जाता है, उसी प्रकार प्रत्येक शुभ अवसर पर श्री गणपतिजी का पूजन अनिवार्य है । उपनयन, विवाह आदि सम्पूर्ण मांगलिक कार्यों के आरम्भ में जो श्री गणपतिजी का पूजन  करता है, उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है ।

गणेश चतुर्थी के दिन गणेश उपासना का विशेष महत्त्व है । इस दिन गणेशजी की प्रसन्नता के लिए इस ‘गणेश गायत्री’ मंत्र का जप करना चाहिए :

महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ।

श्रीगणेशजी का अन्य मंत्र, जो समस्त कामनापूर्ति करनेवाला एवं सर्व सिद्धिप्रद है :

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं गणेश्वराय ब्रह्मस्वरूपाय चारवे ।

सर्वसिद्धिप्रदेशाय विघ्नेशाय नमो नमः ।।

(ब्रह्मवैवर्त पुराण, गणपति खंड : 13.34)

गणेशजी बुद्धि के देवता हैं । विद्यार्थियों को प्रतिदिन अपना अध्ययन-कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व भगवान गणपति, माँ सरस्वती एवं सद्गुरुदेव का स्मरण करना चाहिए । इससे बुद्धि शुद्ध और निर्मल होती है ।

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